What is Firewall in Hindi :-
हेलो दोस्तों मैं गौरव पाठक एकबार फिर से Hindi Jankari में आप सभी लोगो का स्वागत करता हूँ आज के लेख में हम आप सभी लोगो को Firewall के बारे में बताने जा रहा हूँ।
Firewall क्या है :-
फ़ायरवॉल एक डिवाइस होती है (सामान्यतः एक राऊटर या एक कंप्यूटर) जो एक आर्गेनाइजेशन के इंटरनल नेटवर्क तथा इसके अतिरिक्त इंटरनेट डिवाइसो के मध्य इनस्टॉल किया जाता है, इसे कुछ पैकेटो को फॉरवर्ड तथा दुसरो को फ़िल्टर करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। अग्राकिंत फिगर में फ़ायरवॉल को प्रदर्शित किया गया है,service में एक्सेस करने के लिए, Deny करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
जैसे-एक फ़ायरवॉल सभी incoming पैकेटो को एक एक specific host या एक specific server जैसे HTTP के लिए, भेजने के लिए फ़िल्टर कर सकता है, एक फ़ायरवॉल आर्गेनाइजेशन में किसी specific host या specific service में एक्सेस करने के लिए, Deny करने के लिए प्रयोग किया जाता है। फ़ायरवॉल को सामान्यतः पैकेट फ़िल्टर फ़ायरवॉल तथा प्रॉक्सी बेस्ड फ़ायरवॉल के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
1. Packet Filter Firewall :-
एक फ़ायरवॉल को पैकेट फ़िल्टर फ़ायरवॉल की तरह प्रयोग कर सकते है, यह नेटवर्क लेयर तथा ट्रांसपोर्ट लेयर हैंडर्स में इनफार्मेशन पर आधारित पैकेटो को फॉरवर्ड या ब्लॉक कर सकता है। पैकेट फ़िल्टर फ़ायरवॉल एक राऊटर होता है, जो एक फ़िल्टरिंग टेबल का प्रयोग करता है, जो यह निर्धारित करती है, की कौन से पैकेटो को फॉरवर्ड नहीं करना है।
2. Proxy Firewall :-
पैकेट फ़िल्टर फ़ायरवॉल नेटवर्क लेयर तथा ट्रांसपोर्ट लेयर हैंडर्स(IP तथा TCP/UDP) में उपलब्ध इनफार्मेशन पर निर्धारित फ़ायरवॉल है, कभी-कभी हमे मैसेज को खुद में उपलब्ध इनफार्मेशन पर आधारित मैसेज को फ़िल्टर करने की जरुरत होती है। जैसे एक आर्गेनाइजेशन, अपने वेब पेज से सम्बंधित policies को इम्प्लीमेंट करना चाहती है, कि केवल वही इंटरनेट यूजर से पहले से ही कंपनी के साथ बिज़नेस रिलेशन को रखते है। वही इसमें एक्सेस करे, इनके अतिरिक्त दूसरे यूजर इसमें एक्सेस नहीं करे, इस केस में पैकेट फ़िल्टर फ़ायरवॉल फैसिबले नहीं है, इस केस में प्रॉक्सी कंप्यूटर को इन्सटॉल करते है, जो कस्टमर कंप्यूटर के बीच होता है। जब यूजर क्लाइंट एक मैसेज को भेजता है, प्रॉक्सी फ़ायरवॉल रिक्वेस्ट को रिसीव करने के लिए सर्वर प्रोसेस को रन करता है, सर्वर एप्लीकेशन लेवल पर पैकेट को खोलता है, तथा रिक्वेस्ट को फाइंड आउट करता है, इस केस में सर्वर क्लाइंट प्रोसेस की तरह व्यवहार करता है, तथा मैसेज को कारपोरेशन के रियल सर्वर पर भेजता है। यदि यह नहीं है, तो मैसेज ड्राप होता है, तथा एक्सटर्नल यूजर के पास एरर मैसेज को भेजता है।
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फ़ायरवॉल, नेटवर्क वातावरण को सुरक्षित रखते है, फ़ायरवॉल की प्रमुख्य विशेषताये निम्नलिखित है-
1. फ़ायरवॉल "deny all services except those specifically permitted" डिज़ाइन policies पर आधारित है।
2. फ़ायरवॉल flexible होते है, ये आर्गेनाइजेशन के अनुसार सिक्योरिटी पॉलिसी तथा नयी सेवाओं को उपलब्ध कराते है।
3. फ़ायरवॉल authentication measures को रखते है।
4. फ़ायरवॉल फ़िल्टरिंग तकनीकी को रखते है।
5. फ़ायरवॉल FTP तथा टेलनेट के लिए प्रॉक्सी सेवाओं का प्रयोग करते है, ताकि एडवांस authentication measures को धारण किया जा सके।
फ़ायरवॉल की प्रमुख सीमाएं निम्नलिखित है -
1. यद्यपि फ़ायरवॉल का प्रयोग नेटवर्क को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करना होता है, लेकिन यदि केवल हार्डवेयर फ़ायरवॉल का ही प्रयोग किया गया है, तो सॉफ्टवेयर का प्रयोग करने से सिस्टम में वायरस की सम्भावनाये बढ़ जाती है। जिससे सिस्टम में स्टोर किया गया डाटा ख़राब हो सकता है, इसलिए हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर दोनों फ़ायरवॉल को होना जरुरी है।
2. नेटवर्क पर सिस्टम में इंटरनेट का प्रयोग करते समय कुछ साइट्स को प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योकि इनकी वजह से सिस्टम में फाइल कर्रप्ट हो जाती है।
हेलो दोस्तों मेरा लिखा हुआ लेख पढ़ने के लिए आप सभी लोगो का बहुत-बहुत धन्यवाद, अगर आप सभी लोगो को मेरा लिखा हुआ लेख समझ में आया हो तो प्लीज कमेंट बॉक्स में कमेंट करे।
अगर आप सभी लोगो को किसी भी टेक्निकल टॉपिक से रिलेटेड किसी भी सब्जेक्ट के बारे में कोई भी जानकारी चाहिए तो प्लीज कमेंट बॉक्स में कमेंट करे, उसे जल्द ही हम आप सभी लोगो के लिए उपलब्ध करेंगे।
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Firewall क्या है :-
फ़ायरवॉल एक डिवाइस होती है (सामान्यतः एक राऊटर या एक कंप्यूटर) जो एक आर्गेनाइजेशन के इंटरनल नेटवर्क तथा इसके अतिरिक्त इंटरनेट डिवाइसो के मध्य इनस्टॉल किया जाता है, इसे कुछ पैकेटो को फॉरवर्ड तथा दुसरो को फ़िल्टर करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। अग्राकिंत फिगर में फ़ायरवॉल को प्रदर्शित किया गया है,service में एक्सेस करने के लिए, Deny करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
जैसे-एक फ़ायरवॉल सभी incoming पैकेटो को एक एक specific host या एक specific server जैसे HTTP के लिए, भेजने के लिए फ़िल्टर कर सकता है, एक फ़ायरवॉल आर्गेनाइजेशन में किसी specific host या specific service में एक्सेस करने के लिए, Deny करने के लिए प्रयोग किया जाता है। फ़ायरवॉल को सामान्यतः पैकेट फ़िल्टर फ़ायरवॉल तथा प्रॉक्सी बेस्ड फ़ायरवॉल के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
1. Packet Filter Firewall :-
एक फ़ायरवॉल को पैकेट फ़िल्टर फ़ायरवॉल की तरह प्रयोग कर सकते है, यह नेटवर्क लेयर तथा ट्रांसपोर्ट लेयर हैंडर्स में इनफार्मेशन पर आधारित पैकेटो को फॉरवर्ड या ब्लॉक कर सकता है। पैकेट फ़िल्टर फ़ायरवॉल एक राऊटर होता है, जो एक फ़िल्टरिंग टेबल का प्रयोग करता है, जो यह निर्धारित करती है, की कौन से पैकेटो को फॉरवर्ड नहीं करना है।
2. Proxy Firewall :-
पैकेट फ़िल्टर फ़ायरवॉल नेटवर्क लेयर तथा ट्रांसपोर्ट लेयर हैंडर्स(IP तथा TCP/UDP) में उपलब्ध इनफार्मेशन पर निर्धारित फ़ायरवॉल है, कभी-कभी हमे मैसेज को खुद में उपलब्ध इनफार्मेशन पर आधारित मैसेज को फ़िल्टर करने की जरुरत होती है। जैसे एक आर्गेनाइजेशन, अपने वेब पेज से सम्बंधित policies को इम्प्लीमेंट करना चाहती है, कि केवल वही इंटरनेट यूजर से पहले से ही कंपनी के साथ बिज़नेस रिलेशन को रखते है। वही इसमें एक्सेस करे, इनके अतिरिक्त दूसरे यूजर इसमें एक्सेस नहीं करे, इस केस में पैकेट फ़िल्टर फ़ायरवॉल फैसिबले नहीं है, इस केस में प्रॉक्सी कंप्यूटर को इन्सटॉल करते है, जो कस्टमर कंप्यूटर के बीच होता है। जब यूजर क्लाइंट एक मैसेज को भेजता है, प्रॉक्सी फ़ायरवॉल रिक्वेस्ट को रिसीव करने के लिए सर्वर प्रोसेस को रन करता है, सर्वर एप्लीकेशन लेवल पर पैकेट को खोलता है, तथा रिक्वेस्ट को फाइंड आउट करता है, इस केस में सर्वर क्लाइंट प्रोसेस की तरह व्यवहार करता है, तथा मैसेज को कारपोरेशन के रियल सर्वर पर भेजता है। यदि यह नहीं है, तो मैसेज ड्राप होता है, तथा एक्सटर्नल यूजर के पास एरर मैसेज को भेजता है।
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फ़ायरवॉल, नेटवर्क वातावरण को सुरक्षित रखते है, फ़ायरवॉल की प्रमुख्य विशेषताये निम्नलिखित है-
1. फ़ायरवॉल "deny all services except those specifically permitted" डिज़ाइन policies पर आधारित है।
2. फ़ायरवॉल flexible होते है, ये आर्गेनाइजेशन के अनुसार सिक्योरिटी पॉलिसी तथा नयी सेवाओं को उपलब्ध कराते है।
3. फ़ायरवॉल authentication measures को रखते है।
4. फ़ायरवॉल फ़िल्टरिंग तकनीकी को रखते है।
5. फ़ायरवॉल FTP तथा टेलनेट के लिए प्रॉक्सी सेवाओं का प्रयोग करते है, ताकि एडवांस authentication measures को धारण किया जा सके।
फ़ायरवॉल की प्रमुख सीमाएं निम्नलिखित है -
1. यद्यपि फ़ायरवॉल का प्रयोग नेटवर्क को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करना होता है, लेकिन यदि केवल हार्डवेयर फ़ायरवॉल का ही प्रयोग किया गया है, तो सॉफ्टवेयर का प्रयोग करने से सिस्टम में वायरस की सम्भावनाये बढ़ जाती है। जिससे सिस्टम में स्टोर किया गया डाटा ख़राब हो सकता है, इसलिए हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर दोनों फ़ायरवॉल को होना जरुरी है।
2. नेटवर्क पर सिस्टम में इंटरनेट का प्रयोग करते समय कुछ साइट्स को प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योकि इनकी वजह से सिस्टम में फाइल कर्रप्ट हो जाती है।
हेलो दोस्तों मेरा लिखा हुआ लेख पढ़ने के लिए आप सभी लोगो का बहुत-बहुत धन्यवाद, अगर आप सभी लोगो को मेरा लिखा हुआ लेख समझ में आया हो तो प्लीज कमेंट बॉक्स में कमेंट करे।
अगर आप सभी लोगो को किसी भी टेक्निकल टॉपिक से रिलेटेड किसी भी सब्जेक्ट के बारे में कोई भी जानकारी चाहिए तो प्लीज कमेंट बॉक्स में कमेंट करे, उसे जल्द ही हम आप सभी लोगो के लिए उपलब्ध करेंगे।
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