What is Flowchart In Hindi :-
हेलो दोस्तों मै गौरव पाठक एकबार फिर से HIndi Jankari में आप सभी लोगो का स्वागत करता हूँ। आज के लेख में आप सभी लोगो को Flowchart के बारे में बताने जा रहा हूँ।
किसी भी प्रोग्राम के लिए अल्गोरिथम(algorithm) लिखने के बाद नेक्स्ट स्टेप flowchart बनाना होता है। फ्लोचार्ट किसी भी प्रोग्राम के कोड को लिखने में अहम भूमिका निभाता है,फ्लोचार्ट से ही आपको समझ में आता है। कि आखिर किसी भी प्रोग्राम में आपको क्या करना है,और किस तरह प्रोग्राम फ्लो करेगा एक जगह से दूसरी जगह, किसी भी अल्गोरिथम को फ्लोचार्ट के द्वारा दर्शाने के लिए फ्लोचार्ट में कई तरह के डायग्राम का प्रयोग किया जाता है। जिसकी मदद से आप फ्लोचार्ट क्रिएट कर सकते है।
फ्लोचार्ट क्या है :-
फ्लोचार्ट किसी भी अल्गोरिथम का graphical representation होता है, किसी भी कंप्यूटर प्रोग्राम में, यानि की अल्गोरिथम में हम जो कुछ भी लिखते है। उसे डायग्राम में दर्शाना या फिर show करना ही फ्लोचार्ट कहलाता है। तो इसके लिए कई सारे डायग्राम यूज़ किये जाते है,जैसे की square,rectangle,diamond,arrow,इत्यादि जैसे-सिंबल का यूज़ किया जाता है। इसको इसलिए बनाया जाता है ताकि अल्गोरिथम को और अच्छे से समझा जा सके।
फ्लोचार्ट में इन्ही सिंबल का यूज़ किया जाता है और सिंबल एक दूसरे से कनेक्ट होकर ये दर्शाते है,कि प्रोग्राम कैसे-कैसे फ्लो कर रहा है या फिर आसान भाषा में कहे तो कैसे काम कर रहा है। ये सब बताता है तो इसलिए आपको फ्लोचार्ट में बेसिक सिंबल के बारे में पता होना चाहिए,की इन सिम्बलो का क्या-क्या यूज़ होता है।
आइये नीचे देखते है।
फ्लोचार्ट सिंबल :-
फ्लोचार्ट सिंबल निम्मलिखित प्रकार के होते है।
1. स्टार्ट और एन्ड सिंबल :-
इस सिंबल का यूज़ फ्लोचार्ट में किसी भी फ्लोचार्ट को शुरू और बंद करने के लिए यूज़ किया जाता है, उदाहरण के लिए अगर अल्गोरिथम लिखते वक्त शुरुआत में आप Start लिखते है। तो यही स्टार्ट की जगह पे फ्लोचार्ट में इस सिंबल को बनाना होगा,इसके साथ ही फ्लोचार्ट बंद करने के लिए आपको इसी सिंबल का प्रयोग करना होगा।
इस सिंबल का यूज़ फ्लोचार्ट में किसी भी फ्लोचार्ट को शुरू और बंद करने के लिए यूज़ किया जाता है, उदाहरण के लिए अगर अल्गोरिथम लिखते वक्त शुरुआत में आप Start लिखते है। तो यही स्टार्ट की जगह पे फ्लोचार्ट में इस सिंबल को बनाना होगा,इसके साथ ही फ्लोचार्ट बंद करने के लिए आपको इसी सिंबल का प्रयोग करना होगा।
2. इनपुट और आउटपुट सिंबल :-
फ्लोचार्ट में अगला सिंबल आता है, जिसका नाम है,इनपुट और आउटपुट इन दोनों दोनों ऑप्शन का यूज़ इनपुट यानी की कोई वैल्यू एक्सेप्ट करने के लिए यूज़ किया जाता है। अगर आप को रिजल्ट डिस्प्ले करना है तो भी इसी सिंबल का यूज़ करना पड़ेगा। आउटपुट के लिए उदाहरण- अगर आप दो नंबर को जोड़ते है तो उसके लिए आपको दो नंबर लेना होगा,तो इसके लिए हम यही सिंबल यूज़ करेंगे। और दोनों का sum show करना है तो यही सिंबल प्रयोग करेंगे।
फ्लोचार्ट में अगला सिंबल आता है, जिसका नाम है,इनपुट और आउटपुट इन दोनों दोनों ऑप्शन का यूज़ इनपुट यानी की कोई वैल्यू एक्सेप्ट करने के लिए यूज़ किया जाता है। अगर आप को रिजल्ट डिस्प्ले करना है तो भी इसी सिंबल का यूज़ करना पड़ेगा। आउटपुट के लिए उदाहरण- अगर आप दो नंबर को जोड़ते है तो उसके लिए आपको दो नंबर लेना होगा,तो इसके लिए हम यही सिंबल यूज़ करेंगे। और दोनों का sum show करना है तो यही सिंबल प्रयोग करेंगे।
3. प्रोसेस और इंस्ट्रक्शन :-
4. क्वेश्चन(question) और डिसिशन सिंबल :-
5. एरो और डायरेक्शन लाइन सिंबल :-
किसी भी फ्लोचार्ट में आप को डायरेक्शन शो करना है,की डाटा कहाँ से जा रहा है यानि कहाँ फ्लो करना है,तो ऐसे कंडीशन पर आपको एरो सिंबल का यूज़ करना पड़ेगा। उदाहरण के लिए अगर आप की कोई कंडीशन गलत है,तो आपको एरो से शो करना होगा की किस साइड की कंडीशन सही है,और किस साइड की कंडीशन गलत है।
6. कनेक्टर सिंबल :-
फ्लोचार्ट के इस सिंबल का प्रयोग फ्लोचार्ट के एक पार्ट को दूसरे पार्ट से जोड़ने के लिए यूज़ किया जाता है। उदाहरण के लिए आप के पास दो फ्लोचार्ट है और दोनों एक दूसरे से कनेक्टेड है,अगर आप को यह दिखाना है तो आप इस सिंबल का प्रयोग करेंगे।
7. कमेंट,एक्सप्लानेशन,डेफिनिशन सिंबल :-
इस सिंबल का प्रयोग फ्लोचार्ट में किसी भी तरह का कमेंट,एक्सप्लानेशन और डेफिनेशन के लिए यूज़ किया जाता है। अगर आप लोगो को फ्लोचार्ट में कही भी एक्सप्लानेशन या किसी भी तरह का कमेंट देना है तो आप इस सिंबल का प्रयोग कर सकते है।
8. प्रिपरेशन सिंबल :-
इस सिंबल का यूज़ एडवांस प्रोग्रामिंग में किया जाता है,इसका प्रयोग बेसिकली प्रोग्रामिंग प्रिपरेशन में किया जाता है। जैसे-do-while में किया जाता है।
9. सेपरेट फ्लोचार्ट सिंबल :-
इस सिंबल का भी यूज़ एडवांस प्रोग्रामिंग में किया जाता है,अगर आपको कोई भी फ्लोचार्ट किसी भी फ्लोचार्ट से अलग करना है। यानि सेपरेट करना है तो आप इस सिंबल का यूज़ किया जाता है।
अगर आप लोगो को फ्लोचार्ट के बारे में अच्छी जानकारी चाहिए तो आप लोगो को सारे सिंबलके बारे में पता होना चाहिए तभी आप अच्छे से फ्लोचार्ट डिज़ाइन कर सकते है।
फ्लोचार्ट बनाने के लाभ :-
फ्लोचार्ट के निम्मलिखित लाभ होते है।
1. फ्लोचार्ट कम्यूनिकेश के लिए बहुत इजी यानि आसान होता है।
2. प्रोग्राम को समझना आसान होता है।
3. डाटा कहाँ फ्लो करता है यह आसानी से पता चलता है।
4. किसी भी प्रोग्राम को समझने में आसानी होती है।
5. यह किसी भी न्यू सिस्टम डिज़ाइन करने के लिए आसान टूल होता है।
फ्लोचार्ट की हानि :-
फ्लोचार्ट बनाने से निम्मलिखित हानि होती है।
1. फ्लोचार्ट बनाने में बहुत टाइम वेस्ट होता है ,और साथ ही साथ यह स्लो प्रोसेस है,सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में।
2. फ्लोचार्ट को प्रोडूस और मैनेज करना थोड़ा मुश्किल होता है।
हेलो दोस्तों मेरा लिखा हुआ लेख पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद,अगर आप लोगो को मेरा लिखा हुआ लेख समझ में आया हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करे।
अगर आप लोगो को किसी भी technical टॉपिक के बारे में कोई भी जानकारी चाहिए, तो प्लीज कमेंट बॉक्स में कमेंट करे।
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अगर आप लोगो को किसी भी तरह का प्रोसेस,कलकुलेशन या फिर इंस्ट्रक्शन देना है,तो आप फ्लोचार्ट में आप इस सिंबल का यूज़ करेंगे। उदाहरण के लिए मान लीजिये अगर आप को दो नंबर को जोड़ना है, तो जो जोड़ने का प्रोसेस होगा वह इसी बॉक्स के अंदर होगा। इसी बॉक्स के अंदर आप सारे कलकुलेशन फ्लोचार्ट में करते है।4. क्वेश्चन(question) और डिसिशन सिंबल :-
इस सिंबल का बेसिकली तब किया जाता है,जब आप को किसी तरह का डिसिशन लेना होता है। या फिर कोई क्वेश्चन हो तो आप इस सिंबल का यूज़ करते है,उदाहरण के लिए अगर आप को फ्लोचार्ट में कोई कंडीशन लगाना है, तो आप इस सिंबल का यूज़ करते है। जैसे की मान लीजिये एक कंडीशन सही है और दूसरी कंडीशन गलत है तो आप एक साइड सही कंडीशन को लेंगे,दूसरी साइड आप गलत कंडीशन को लेंगे। और अगर कोई ब्रांचिंग बनाना है तो आप इस सिंबल का प्रयोग कर सकते है।
5. एरो और डायरेक्शन लाइन सिंबल :-
किसी भी फ्लोचार्ट में आप को डायरेक्शन शो करना है,की डाटा कहाँ से जा रहा है यानि कहाँ फ्लो करना है,तो ऐसे कंडीशन पर आपको एरो सिंबल का यूज़ करना पड़ेगा। उदाहरण के लिए अगर आप की कोई कंडीशन गलत है,तो आपको एरो से शो करना होगा की किस साइड की कंडीशन सही है,और किस साइड की कंडीशन गलत है।
6. कनेक्टर सिंबल :-
फ्लोचार्ट के इस सिंबल का प्रयोग फ्लोचार्ट के एक पार्ट को दूसरे पार्ट से जोड़ने के लिए यूज़ किया जाता है। उदाहरण के लिए आप के पास दो फ्लोचार्ट है और दोनों एक दूसरे से कनेक्टेड है,अगर आप को यह दिखाना है तो आप इस सिंबल का प्रयोग करेंगे।
7. कमेंट,एक्सप्लानेशन,डेफिनिशन सिंबल :-
इस सिंबल का प्रयोग फ्लोचार्ट में किसी भी तरह का कमेंट,एक्सप्लानेशन और डेफिनेशन के लिए यूज़ किया जाता है। अगर आप लोगो को फ्लोचार्ट में कही भी एक्सप्लानेशन या किसी भी तरह का कमेंट देना है तो आप इस सिंबल का प्रयोग कर सकते है।
8. प्रिपरेशन सिंबल :-
इस सिंबल का यूज़ एडवांस प्रोग्रामिंग में किया जाता है,इसका प्रयोग बेसिकली प्रोग्रामिंग प्रिपरेशन में किया जाता है। जैसे-do-while में किया जाता है।
9. सेपरेट फ्लोचार्ट सिंबल :-
इस सिंबल का भी यूज़ एडवांस प्रोग्रामिंग में किया जाता है,अगर आपको कोई भी फ्लोचार्ट किसी भी फ्लोचार्ट से अलग करना है। यानि सेपरेट करना है तो आप इस सिंबल का यूज़ किया जाता है।
अगर आप लोगो को फ्लोचार्ट के बारे में अच्छी जानकारी चाहिए तो आप लोगो को सारे सिंबलके बारे में पता होना चाहिए तभी आप अच्छे से फ्लोचार्ट डिज़ाइन कर सकते है।
फ्लोचार्ट बनाने के लाभ :-
फ्लोचार्ट के निम्मलिखित लाभ होते है।
1. फ्लोचार्ट कम्यूनिकेश के लिए बहुत इजी यानि आसान होता है।
2. प्रोग्राम को समझना आसान होता है।
3. डाटा कहाँ फ्लो करता है यह आसानी से पता चलता है।
4. किसी भी प्रोग्राम को समझने में आसानी होती है।
5. यह किसी भी न्यू सिस्टम डिज़ाइन करने के लिए आसान टूल होता है।
फ्लोचार्ट की हानि :-
फ्लोचार्ट बनाने से निम्मलिखित हानि होती है।
1. फ्लोचार्ट बनाने में बहुत टाइम वेस्ट होता है ,और साथ ही साथ यह स्लो प्रोसेस है,सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में।
2. फ्लोचार्ट को प्रोडूस और मैनेज करना थोड़ा मुश्किल होता है।
हेलो दोस्तों मेरा लिखा हुआ लेख पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद,अगर आप लोगो को मेरा लिखा हुआ लेख समझ में आया हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करे।
अगर आप लोगो को किसी भी technical टॉपिक के बारे में कोई भी जानकारी चाहिए, तो प्लीज कमेंट बॉक्स में कमेंट करे।
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ReplyDeleteVery informative blog!
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