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Monday 5 February 2018

What is Protocol in Computer Networking in Hindi

What is Protocol in computer in Hindi :-

                                                                                                         हेलो दोस्तों मै गौरव पाठक एकबार फिर से Hindi Jankari में आप सभी लोगो का स्वागत करता हूँ। आज के लेख में हम आप लोगो को Protocol के बारे में बताने जा रहा हूँ। 


                                                                          


 Protocol क्या है  :-
                                networking devices के बीच कम्युनिकेशन के लिए कुछ set of rules and conventions होते है,जिनको प्रोटोकॉल कहते है। प्रोटोकॉल को एक्सेस मेथड भी कहते है। In other words protocol एक स्टैण्डर्ड है,जिसको यूज़ करके डाटा कंप्यूटर नेटवर्क (जैसे-local area network, internet, intranet etc.) में exchange होता है। हर प्रोटोकॉल का अपना एक मेथड होता है,जिसकी हेल्प से यह decide होता है। की डाटा कैसे सेंड किया जायेगा,जब डाटा रिसीव होगा तब क्या करना है,डाटा कैसे कंप्रेस किया जाये, एवं इन सब के बीच किसी भी तरह का एरर कैसे मैनेज करना है। इस प्रकार प्रोटोकॉल, uniform set of rules होता है,जो दो devices को successful connect एवं डाटा transmit करने के लिए help करता है। इसके साथ-साथ प्रोटोकॉल ensure करता है की कैसे डाटा नेटवर्क एवं कंप्यूटिंग डिवाइस के बीच में transmit करना है। 


                                                                         


प्रोटोकॉल कैसे काम करता है :-
                                                  जिस तरह जब दो मनुष्य मिलते है,तो वे एक दूसरे से बात करने के लिए किसी न किसी भाषा का प्रयोग करते है। जब वे बात करते है तो उन्हें जरुरी नहीं है,की सामने वाले की बात समझने के लिए व्याकरण के सभी नियमो का पता हो, किन्तु फिर भी वो बात को समझ जाते है वे हल्के-फुल्के नियमो और शब्दकोश के जरिये भी अंदाजा लगा लेते है की सामने वाला क्या कह रहा है। 
लेकिन कंप्यूटर प्रोटोकॉल बिलकुल उल्टा है,अगर दो कंप्यूटर के बीच संचार हो रहा है तो उनके बीच 100% सही जानकारी, आकार इत्यादि का संचार होना आवश्यक है। तभी वे आप के द्वारा दिए गये डाटा को समझ पाएंगे और आपको उसका परिणाम देंगे। इसलिए कंप्यूटर या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के बीच संचार की प्रकिया के लिए प्रोटोकॉल बनाये गए है। जिनके अनेक प्रकार होते है,जिनकी मदद से दो कंप्यूटर के बीच चाहे कितनी भी दुरी क्यों न हो अगर उनके बीच सही प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया गया है,तो वे सामान जानकारी को आसानी से पा सकते है। 


प्रोटोकॉल के प्रकार :-
                                  प्रोटोकॉल को मुख्य दो भागो में बांटा गया है। 

1. रूटिंग प्रोटोकॉल :-
                                 रूटिंग प्रोटोकॉल का इस्तेमाल नेटवर्क में रास्ते को खोजने के लिए किया जाता है। 

2. रूटेड प्रोटोकॉल :-
                                रूटेड प्रोटोकॉल का इस्तेमाल डाटा, जानकारी ,ट्रैफिक इत्यादि को एक स्थान से दूसरे तक ले जाने के लिए किया जाता है। 
इन सब के लिए अनेक प्रोटोकॉल बनाये गए है। 


रूटिंग प्रोटोकॉल :-
 
- RIP (Routing Information Protocol)
- IGRP (Interior Gateway Routing Protocol)
- OSPF (Open Shortest Path First)
-EIGRP (Enhanced Interior Gateway Routing protocol)
- NLSP (Netware Link Services Protocol)
- RTMP (Real Time Messaging Protocol)


रूटेड प्रोटोकॉल :-
 
- IP (Internet Protocol)
- IPX (Internetwork Packet Exchange)

इनके आलावा कुछ मुख्य प्रोटोकॉल है जिनका हमेशा प्रयोग होता है,जिनको हम लोगो नीचे विस्तार से जानेंगे। 

- TCP (Transfer control Protocol) :-
                                                          जब भी किसी जानकारी को इंटरनेट पर डाला जाता है,तो वह छोटे-छोटे भागो में टूट जाती है। जिन्हे पैकेट्स कहा जाता है। इन पैकेट्स का इस्तेमाल करके ही किसी भी जानकारी को तुरंत अलग-अलग रूट पर भेज दिया जाता है। जहा से यह अपने डेस्टिनेशन तक आसानी से पहुंच पाते है। इन पैकेट्स का एक लाभ यह भी है,की ये डाटा को जल्दी खोने नहीं देते है। TCP का कार्य इसी तरह के पैक्ट्स को बनाने और उन्हें शुरू से आखिरी तक एक सही क्रम में लगाना है। यह इस बात को भी सुनिश्चित करता है की कोई भी पैक्ट्स खो ना जाये। 

- IP (Internet Protocol) :-
                                        IP एक ऐसी प्रकिया है, जो हर जानकारी और इनफार्मेशन को उनकी सही जगह तक पहुँचाती है। हर कंप्यूटर का इंटरनेट पर अपना एक पता होता है,जिसे IP address कहा जाता है। इसलिए जब भी कोई पैकेट भेजा जाता है,तो उसे एक IP एड्रेस दे दिया जाता है। ताकि उसे पता हो उसे कहा जाना है,यह ठीक आप के क्षेत्र के डाकिया की तरह कार्य करता है। और वो समझ जाता है की पैकेट्स को कहा पहुँचाना है। हर पैकेट्स जिसे आप के कंप्यूटर तक भेजा जाता है,वो आपके पास आने से पहले कई कंप्यूटर के पास से गुजरता है किन्तु पहुँचता सिर्फ आप के पास ही है।


                                                                                 
 

 - UDP (User Datagram Protocol) :-
                                                         यह एक ऐसा डाटाग्राम है,जो विल्कुल पैकेट्स की तरह ही कार्य करता है। किन्तु इसमें एक से अधिक डाटाग्राम होते है,इस प्रोटोकॉल का इस्तेमाल IP के साथ उस समय करते है जब छोटी और काम जानकारियों को भेजा जाता है। यह TCP से भी आसान है किन्तु इसमें फ्लो नहीं है,और यह अपनी गलतियों को भी रिकवर नहीं कर सकता है। जबकि TCP में फ्लो भी अच्छा है,और वह अपनी गलतियों को भी सही कर लेता है। इसलिए UDP का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता है। 


- ICMP (Internet Control Message Protocol) :-
                                                                           इसका भी प्रयोग Message के लिए  किया जाता है, लेकिन अब यह बहुत कम मैसेज के लिए इस्तेमाल होता है। और इसको इस्तेमाल करने का मुख्य कारण प्रबंधन(Management) और समस्या को हल करना (Diagnostic) है। 


- SMTP (Simple Mail Transfer Protocol) :-
                                                                      कंप्यूटर और इंटरनेट पर सिर्फ एक कार्य तो होता नहीं इसलिए इंटरनेट के हर कार्य के लिए अलग से एक प्रोटोकॉल का समूह होता है। ठीक उसी तरह ईमेल के लिए भी प्रोटोकॉल का एक समूह है,जिसकी मदद से ईमेल को पाया और भेजा जाता है। ईमेल को भेजने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला प्रोटोकॉल simple mail transfer प्रोटोकॉल है। जब भी आप किसी ईमेल क्लाइंट्स के साथ जुड़ते है, तो आपको एक SMTP जरूर इस्तेमाल करना होता है। 

- IMAP (Interactive Mail Access Protocol) :-
                                                                        यह ईमेल को पढ़ने के लिए सबसे शक्तिशाली प्रोटोकॉल माना जाता है। इसकी मदद से आप एक ईमेल अकाउंट के मेलबॉक्स में किसी भी ईमेल को आसानी से पढ़ पाते है। आप अपने फ़ोन और कंप्यूटर में ईमेल को पढ़ने के लिए इसी प्रोटोकॉल का यूज़ करते है। 


- HTTP (Hyper Text Transfer Protocol) :-
                                                                   हर वेबपेज एक लैंग्वेज से बनता है,जिसे Hyper Text Markup Language कहा जाता है। उसी पेज को पुरे इंटरनेट वेब पर डालने के लिए एक सामान्य तरीके या प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है। जिसे हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल के नाम से जाना जाता है,यह प्रोटोकॉल भी इंटरनेट पर कार्य करने और अपने कार्य को मैनेज करने के लिए TCP और  IP का ही इस्तेमाल करता है। 


-HTTPS (Hyper Text Transfer Protocol over Secure Socket Layer) :-
                                                                                                             यह हर डाटा को सिक्योरिटी प्रदान करता है। इसलिए इसका प्रयोग किया जाता है।  इसका उदाहरण आप हर उस वेबसाइट के URL में देख सकते है जिसकी शुरुआत https:// से होती है। 


- FTP (File Transfer Protocol) :-
                                                     यह प्रोटोकॉल अपने नाम की तरह ही कार्य करता है, यह किसी भी नेटवर्क की किसी भी फाइल को पहले कॉपी करता है। फिर उसे एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर तक पहुंचाने में मदद करता है, कहने का अर्थ है कि यह सबसे आसान तरीके से फाइल और उसके डाटा को मैनेज करता है। जबसे WWW(World Wide Web) आया, तब से यह बहुत कम इस्तेमाल किया जाता है। अब आज के समय में इसे सिर्फ फाइल को किसी वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पहले इसका इस्तेमाल वेबसाइट से गाना, फोटो और सॉफ्टवेयर इत्यादि को डाउनलोड करने के लिए भी होता था। किन्तु आज उसके स्थान पर http का इस्तेमाल किया जाने लगा है। लेकिन आज भी बहुत सी ऐसी साइट है, जो downloading के लिए FTP का ही इस्तेमाल करती है। क्योकि इसपर अधिक ट्रॉफिक नहीं होता है। 


                                                                              



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