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Monday, 19 February 2018

What is Logical Gate in hindi

What is Logical Gate in Hindi :-

                                                                                   हेलो दोस्तों मै गौरव पाठक एकबार फिर से Hindi Jankari में आप सभी लोगो का स्वागत करता हूँ। आज के लेख में आप सभी लोगो को लॉजिकल गेट के बारे में बताने जा रहा हूँ। 
                                                                                   

लॉजिकल गेट क्या है :-
                                   बूलियन अलजेब्रा में तीन प्रकार के गेट होते है, AND, OR, NOT, इन लॉजिकल गेटो को आधारभूत बूलियन ऑपरेटर भी कहा जाता है। एक डिजिटल परिपथ जो की संकेतो(सिग्नल्स) को जाने देता है,अथवा रोकता है,वह गेट कहलाता है,यह गेट संकेतो को तभी जाने देता है। जब कुछ तार्किक शर्ते संतुस्ट होती है,इसलिए इसे लॉजिक गेट भी कहा जाता है। लॉजिकल गेट वह युक्ति है,जिसका आउटपुट उसके इनपुट पर उपस्थित वर्तमान संकेतो या पूर्व संकेतो का कोई लॉजिकल फलन(logical function) हो,यह भौतिक युक्ति हो सकती है,या कोई आदर्शीकृत युक्ति, आजकल अधिकतर अर्थचालक लॉजिकल गेट प्रयोग किये जाते है,किन्तु सिद्धांतत: यह विधुतचुम्बकीय रिले,तरल लॉजिक,दाब लॉजिक,प्रकाशिक लॉजिक,अणुओ अादि से मिलकर बनाये जाते है।बूलियन में इन अल्गोरिथम का वर्णन किया जा सकता है,उन्हें इन भौतिक गेटो से उन अल्गोरिथमों को साकार रूप भी दिया जा सकता है,(बनाया भी जा सकता है) 
जिसप्रकार एक दरवाजे की अवस्थाये होती है,जैसे-दरवाजा खुला या बंद में हो सकता है,उसी तरह लॉजिकल गेट का आउटपुट भी हाई या लो (high/low) हो सकता है,लॉजिकल गेट एंड(AND)और OR  जैसे सरल भी हो सकते है,और एक कंप्यूटर जितना जटिल भी हो सकता है। डायोड का उपयोग करके बनाया गया लॉजिकल गेट सबसे सरल लॉजिकल गेट होता है, किन्तु इसके केवल एंड(AND) और OR गेट ही बनाये जा सकते है, इन्वर्टर नहीं बनाया जा सकता है, अतः इसे एक अपूर्ण लॉजिक परिवार कह सकते है,इन्वर्टर सहित सभी लॉजिकल गेट बनाने में सक्षम होने के लिए किसी प्रकार के प्रवर्धक की जरुरत होगी। इसलिए सम्पूर्ण लॉजिकल परिवार बनाने के लिए रिले,निर्वात नलिका या ट्रांजिस्टर का प्रयोग अनिवार्य है। 

लॉजिकल गेट के प्रकार :-

1. AND गेट :-
                         
                                                                                         

                             यह गेट दो अथवा दो से अधिक इनपुट का तार्किक गुणन करता है,यह गेट दो अथवा दो से अधिक इनपुट तथा एक आउटपुट रखता है,इस गेट की आउटपुट 1 (High) तभी होती है,जब इसका सभी इनपुट 1 (High) हो। 

                     
                                                                         

 गेट दो या दो से अधिक इनपुट का लॉजिकल योग OR गेट के द्वारा किया जाता है। OR गेट दो या दो से अधिक इनपुट अथवा 1 आउटपुट रखता है,OR गेट की आउटपुट 0 (Low) केवल तब होती है, जब OR गेट की सभी इनपुट 0  (Low) होती है। 

3. NOT गेट :-
                 
                                                                                 

     यह गेट inversion operation पूरा करता है,इसको कम्प्लीमेंटर के नाम से भी जाना जाता है। यह High (1) लॉजिकल तल को Low (0) लॉजिकल में तथा Low (0) लॉजिकल तल को High (1) लॉजिकल तल में परिवर्तन करता है,यह एक इनपुट का गेट होता है। 

4. NOR गेट :-
                      
                                                                           
                                               

 NOR गेट वह गेट होता है,जो OR गेट और NOT गेट के सयोजन से बनता है,यह OR गेट का कॉम्प्लीमेंट होता है, NOR गेट का यह OR ऑपरेशन के पश्चात NOT ऑपरेशन को दर्शाता है, NOT ऑपरेशन को दर्शाने के लिए Bubble प्रयुक्त होता है। 

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