How Many type of Web Hosting Hindi :-
हेलो दोस्तों मै गौरव पाठक एकबार फिर से Hindi Jankari में आप सभी लोगो का स्वागत करता हूँ। आज के लेख में आप सभी लोगो को वेब होस्टिंग के प्रकार के बारे में बताने जा रहा हूँ।वेब होस्टिंग कितने प्रकार के होते है :-
अगर ऑपरेटिंग सिस्टम और प्लेटफार्म के आधार पर देखा जाये, तो होस्टिंग दो प्रकार की होती है।
1. लिनक्स होस्टिंग :-
ऐसी होस्टिंग जहाँ पर आपको वेब स्पेस उस कंप्यूटर पर मिले जिस पर लिनक्स इनस्टॉल है,तो ऐसी होस्टिंग को लिनक्स होस्टिंग कहते है। ऐसी होस्टिंग पर सामान्य तौर पर सिर्फ PHP के वेबपेज ज्यादा अच्छा सपोर्ट करते है, इस होस्टिंग को ख़रीदने पर लागत बहुत कम लगती है।
2. विंडोज होस्टिंग :-
ऐसी होस्टिंग जहाँ पर आप को वेब स्पेस उस कंप्यूटर पर मिले जिसपर विंडोज इनस्टॉल है,तो ऐसी होस्टिंग को विंडोज होस्टिंग कहते है। ऐसी होस्टिंग पर सामान्य तौर पर ASP के वेबपेज ज्यादा अच्छा सपोर्ट करते है,लिनक्स होस्टिंग की तुलना में विंडोज होस्टिंग की लागत ज्यादा होती है और यह होस्टिंग बहुत अच्छी होती है।
होस्टिंग खरीदते समय आपके पास दो ऑप्शन रहते है,एक लिनक्स का और दूसरा विंडोज का भी, अगर आप ने यह कभी सोचा होगा की दोनों में फर्क क्या है तो,आप दोनों में से कोई भी होस्टिंग यूज़ कर सकते है। पर विंडोज होस्टिंग थोड़ा महगा पड़ता है,लिनक्स एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है, इसलिए इसे उसे करने के लिए होस्टिंग कंपनी को पैसे देने नहीं पड़ते है, इसलिए यह बहुत सस्ता होता है।
पर विंडोज के लाइसेंस के लिए पैसे देने पड़ते है,इसलिए यह महगा होता है,दोनों का सर्वर बहुत बढ़िया है,पर विंडोज को लिनक्स से ज्यादा सिक्योर माना जाता है। आप ज्यादातर ब्लॉग और वेबसाइट को को लिनक्स के सर्वर में ही पाएंगे क्युकि यह बहुत सस्ता होता है। और विंडोज से ज्यादा फीचर देता है, आप जानते है की वेबसाइट की सपोर्ट के व्यवस्था के अनुसार वेब होस्टिंग कितने तरह के होते है। वेब होस्टिंग बहुत से प्रकार का होता है,लेकिन आज के समय में जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है,हम लोग उसके बारे में जानेंगे, मुख्य रूप से वेब होस्टिंग 4 प्रकार के होते है।
1. शेयर्ड वेब होस्टिंग :-
जब हम घर से बाहर पढ़ने जाते है,या जॉब करने जाते है,तो हम किराये वाले घर में रहते है या हॉस्टल में रहते है। जहाँ हम लोगो के साथ और दूसरे लोग भी रहते है, जिनके साथ हमे रूम शेयर करना होता है,उसी तरह शेयर्ड वेब होस्टिंग भी ऐसे ही काम करता है। शेयर्ड वेब होस्टिंग में एक ही वेब सर्वर होता है,जहाँ हजारो वेबसाइट की फाइल एक साथ एक ही सर्वर कंप्यूटर में स्टोर होकर रहता है। इसलिए इस होस्टिंग का नाम शेयर्ड रखा गया है, शेयर्ड वेब होस्टिंग उन लोगो के लिए सही है,जिन्होंने अपना वेबसाइट नया-नया बनाया हो, क्योकि यह होस्टिंग सबसे सस्ती होती है। इस होस्टिंग से आप को तबतक कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी जबतक की आप की वेबसाइट प्रसिद्द न हो जाये,और जब आपके वेबसाइट में विजिटर बढ़ने लगे,तो आप अपना होस्टिंग चेंज भी कर सकते है। जैसा की यह शेयर्ड वेब सर्वर है,अगर कोई वेबसाइट बहुत व्यस्त हो जाये तो,बाकि सारे वेबसाइट उसके कारण धीमे हो जायेंगे। और उनके वेबपेज को खुलने में समय ज्यादा लगेगा,ये इस वेबसाइट का सबसे बड़ा डिमेरिट है,शेयर्ड वेब होस्टिंग का प्रयोग ज्यादातर ब्लॉगर ही करते है,इसमें बहुत सारे यूजर रक ही सिस्टम का CPU,RAM प्रयोग करते है।
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2. रिसेलर वेब होस्टिंग :-
अगर आप कोई छोटी सी सॉफ्टवेयर कंपनी खोलना चाहते है, या कई लोगो की वेबसाइट बनाना चाहते है,तो सिंगल वेबसाइट होस्टिंग के रेसलर प्लान को आप ले सकते है। इसमें एक वेबसाइट पर आने वाली लागत बहुत कम हो जाएगी है, और हर वेबसाइट एक दूसरे से अलग भी रहेंगी,यह शेयर होस्टिंग से थोड़ा अलग है। इसमें हर वेबसाइट का अलग से कण्ट्रोल पैनल या सपनेल होता है,आप 100 वेबसाइट या डोमेन के लिए रिसेलर होस्टिंग ले तो ज्यादा बेहतर है।
3. VPS(Virtual Private Server) वेब होस्टिंग :-
VPS एक होटल के रूम की तरह होता है,जहाँ उस रूम के सारी चीजों पर आपका हक़ होता है। इसमें और किसी की भी शेयरिंग नहीं होता है,VPS होस्टिंग में visualization technology का प्रयोग किया जाता है। जिसमे एक स्ट्रांग और सिक्योर सर्वर को virtually अलग-अलग हिस्सों में devide कर दिया जाता है, पर हर वर्चुअल सर्वर के लिए अलग-अलग रिसोर्स यूज़ किया जाता है। जिससे आपके वेबसाइट को जितना रिसोर्स की जरुरत होती है,वो उतना यूज़ कर सकता है,यहाँ आपको दूसरे वेबसाइट के साथ शेयर नहीं करना पड़ता,और आपके वेबसाइट को बेस्ट सिक्योरिटी और परफॉरमेंस मिलता है। यह होस्टिंग थोड़ा कॉस्टली है,और ज्यादा विजिटर वाले वेबसाइट प्रयोग करते है,अगर आप को कम पैसो में डेडिकेटेड सर्वर जैसे परफॉरमेंस चाहिए तो आप के लिए VSP बेस्ट है।
4. डेडिकेटेड वेब होस्टिंग :-
जिस तरह शेयर्ड होस्टिंग में बहुत से वेबसाइट एक ही सर्वर का हर जगह शेयर करते है,डेडिकेटेड होस्टिंग उसका पूरा उल्टा है,इसका उदाहरण ठीक वैसा ही है,जैसे एक व्यक्ति का अपना एक बहुत बड़ा घर होता है,और उसमे किसी और को रहने के लिए इज्जाजत नहीं होती है। और उस घर की सारी जिमेदारी उस व्यक्ति की ही होती है, डेडिकेटेड होस्टिंग का भी काम भी कुछ ऐसा ही है,डेडिकेटेड होस्टिंग में जो सर्वर होता है वह सिर्फ और सिर्फ एक हो वेबसाइट की फाइल को स्टोर करके रखता है। और यह सबसे तेज सर्वर होता है,इसमें शेयरिंग नहीं होता है,और यह होस्टिंग सबसे मॅहगी होती है,क्योकि इसका पूरा किराया केवल एक ही व्यक्ति को भरना पड़ता है,जिसकी वेबसाइट पर हर महीने ज्यादा विजिटर आते है,यह होस्टिंग सिर्फ उनके लिए ही सही है। और उनके लिए भी है,जो अपनी वेबसाइट से ज्यादा पैसा कमाना चाहते है,बहुत सारे e-commerce site जैसे-फ्लिपकार्ट,अमेज़न,स्नैपडील डेडिकेटेड होस्टिंग ही प्रयोग करते है। अगर अपने वेब डोमेन नाम कही और से ख़रीदा है,और होस्टिंग कही और से ख़रीदा है,तो आपको अपने डोमेन नाम के कण्ट्रोल पैनल में अपने वेब होस्टिंग वाले सर्वर का DNS(domain name server) अपडेट करना पड़ेगा।
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