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Tuesday, 30 January 2018

What is C Programming in Hindi

What is C Programming in Hindi :-

                                                                                          हेलो दोस्तों मै गौरव पाठक एक बार फिर से Hindi Jankari  में आप सभी लोगो का स्वागत करता हूँ। आज के लेख में बताने जा रहा हूँ,कि C programming क्या होती है,इसका क्या प्रयोग होता है आदि टॉपिक के बारे में नीचे बताऊँगा। 



                                                                                        


Introduction to C Language :-
                                                    C एक बहुत ही पॉपुलर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है,आज भी C की popularity में कोई कमी नहीं आयी है। किसी भी दूसरे लैंग्वेज को सिखने से पहले C को सीखना बहुत जरुरी है,क्योकि C के बाद जितनी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज आयी उन्होंने किसी न किसी तरह C के फीचर को adopt किया है। 
History :-
                C एक structured जनरल purpose programming language है,इसे Unix operating system को दुबारा लिखने के लिए डेवेलप किया गया था। इससे पहले Unix operating system को B Language में लिखा गया था,पूरा Unix operating system और उस पर रन होने वाले ज्यादातर प्रोग्राम C Language में ही लिखे गए  है। B Language Ken Thompson के द्वारा 1970 में Bell Laboratories में डेवेलोप की गयी थी। B एक type less language थी, C लैंग्वेज को Dennis Ritchie ने 1972 में Bell Laboratories में ही डेवेलोप किया  था। C language बहुत से डाटा टाइप provide करती है। C language के syntax को बहुत सी पॉपुलर लैंग्वेज ने follow किया है,C का improved version C# है। C के feature को java और C++ जैसी- लैंग्वेज ने follow किया है।
इसमें 32 keyword होते है,इसमें कोई भी वेरिएबल आसानी से बनाये जा सकते है, लेकिन उनके बीच में कोई space नहीं होना चाहिए। हम वेरिएबल के बीच में अंडरस्कोर का प्रयोग कर सकते है जैसे - name_space ,ab_c आदि। C language का networking में भी महत्वपूर्ण प्रयोग होता है,जैसे- client-server आदि का प्रोग्राम बनाने के लिए प्रयोग करते है। आजकल किसी भी IT सेक्टर के कोर्स में C language पाया जाता है। C Language को American National Standard Institute (ANSI) और International Organization for Standardization  (ISO) ने programming language के standardized के रूप में अपनाया है।  
C Language में अनेक प्रकार के फंक्शन का प्रयोग किया जाता है,इसमें किसी भी प्रोग्राम को फ्लोचार्ट के माध्यम से आसानी से समझाया जाता है। C लैंग्वेज का सबसे ज्यादा प्रयोग पॉइंटर के साथ किया जाता। इसमें विभ्भिन प्रकार की हैडर फाइल भी प्रयोग की जाती है। 



                                                                                  
  
C कहाँ-कहाँ  प्रयोग की जाती है :-

1. Operating System Development 
2. Database System
3. Graphics Packages and OS Drivers
4. Word Processors
5. Interpreters
6. Spreadsheet


C Language Characteristics and Feature :-
                                                                        C Language के characteristics और feature निम्नलिखित है। 

1. C एक modular language है,C में एक बड़े प्रोग्राम को छोटे-छोटे Modules (फंक्शन) के रूप में डिवाइड किया जाता है। ऐसा करने से प्रोग्राम को मैनेज और debug करने में आसानी होती है,debug का मतलब error check करने में। 

2. C एक flexible लैंग्वेज है। C, 32 reserved keyword provide करती है, ये keyword प्रोग्रामर को लैंग्वेज पर control प्रोवाइड करते है। इन keyword की मदद से प्रोग्राम के structure को भी modify किया जाता है। 

3. C Language assembly language के बाद सबसे fast मानी जाती है,ऐसे कई बार low-level language भी कहा जाता है। C language hardware के बहुत करीब होती है,इसलिए यह दूसरी लैंग्वेज से फ़ास्ट होती है। 

4. C एक case sensitive language है। 

5. C high-level और low-level दोनों तरह के प्रोग्राम क्रिएट करने में सक्षम है। 

6. C एक extendable language है,C program में libraries के द्वारा आप कभी भी नये feature add कर सकते है। 



Limitation of C Language :-
                                                C language की limitation निम्नलिखित है। 

1. C Language में Run-Time type checking नहीं होती है,C language Run-Time किसी भी variable के data type को identify करने में असमर्थ होती है। उदाहरण के लिए Float data type में integer value डाली जा सकती है। 

2. C Language में ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड concepts नहीं होते है। 

3. C Language में constructors और destructors का concept भी नहीं होते है। 

4.  C Language में namespaces का नहीं होता है,इसलिए different programmers के code को एक ही project में यूज़ करना बहुत मुश्किल होता है। 

5. C Language code की re-usability को support नहीं करती है। 

6. C Language में exception को Run-Time में handle नहीं किया जा सकता है। 


Application of C Language :-
                                                 C Language के निम्नलिखित Application होते है। 

1. ज्यादातर operating system C language में ही बनाये जाते है,जैसे-Unix,Windows आदि। 

2. किसी भी नयी programming language को compile करने के लिए compilers की आवश्यकता होती है,C लैंग्वेज में कम्पाइलर भी क्रिएट किये जाते है। उदाहरण के लिए जावा का कम्पाइलर javac भी C लैंग्वेज में ही बनाया जाता है। 

3. C लैंग्वेज में कई प्रकार के assemblers भी create किये जाते है,assembler basic instructions को bits में convert करते है। 

4. C लैंग्वेज में text editors भी क्रिएट किये जा सकते है,जैसे- Gedit आदि। 

5. C Language में network drivers भी क्रिएट किये जाते है। 

6. C Language में database system भी लिखे जाते है। जैसे- Oracle Database System  C  Language में ही लिखा गया है। 

Simple Program in C Language :-


#include<stdio.h>
#include<conio.h>
void main()
{
clrscr();
printf("Hello Friends");
getch();
}

Output :-
                 Hello Friends




हेलो दोस्तों मेरा लिखा हुआ लेख पढ़ने के लिए आप सभी लोगो का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ। अगर हमारा लिखा हुआ लेख आप लोगो के समझ में आया हो तो प्लीज कमेंट बॉक्स में जरूर कमेंट करे। अगर आप लोगो को किसी भी technical टॉपिक के बारे में कोई भी जानकारी चाहिए तो प्लीज कमेंट बॉक्स में कमेंट करे, हम उसे जल्द ही आप लोगो के लिए उपलब्ध करेंगे।  

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