What is Hub in Hindi :-
हेलो दोस्तों मै गौरव पाठक एकबार फिर Hindi Jankari में आप सभी लोगो का स्वागत करता हूँ। आज के लेख में आप सभी लोगो को हब(Hub) के बारे में बताने जा रहा हूँ।
हब (Hub) क्या है :-
नेटवर्क हब या ईथर हब एक ऐसा उपकरण है, जो कई ट्विस्टेड पेयर केबल अथवा फाइवर ऑप्टिक्स केबल साधनो को आपस में जोड़ता है, और इसप्रकार उनका एक नेटवर्क के रूप में करना संभव बनाता है। हब को एक कई पोर्ट वाले रिपीटर के रूप में समझा जा सकता है, इसलिए इनको रिपीटर हब भी कहा जाता है, हब कॉलिजन डिटेक्शन में भी भाग लेते है, और कोई कॉलिजन पहचानते ही सभी पोर्टो के सिग्नलों को जाम कर देते है। नेटवर्क हब एक बहुत मामूली ब्रोडकास्ट साधन होता है, यह इससे आने-जाने वाले किसी भी डाटा टट्रैफिक का प्रबंध नहीं करते,और किसी पोर्ट में आने वाले किसी भी पैकेट को अन्य सभी पोर्ट को ब्रोडकास्ट कर देते है, हर पैकेट सभी पोर्टो को भेजने के कारण कॉलिजन उत्पन्न होते है। जिससे ट्रैफिक के सुचारु संचालन में बाधा उत्पन्न होती है, अधिकांश हब ऐसी समस्याओ को पहचान लेते है, और कॉलिजन वाले पोर्ट को अन्य माध्यमों से अलग कर देते है, ऐसे हबो को इंटेलीजेंट हब कहा जाता है, हब OSI Model के फिजिकल लेयर पर कार्य करते है। फिजिकल लेयर पर हब नेटवर्किंग के कार्य में बहुत कम सहायता कर सकते है, ये उनमे होकर पास होने वाली किसी डाटा को नहीं पढ़ते और उनके सोर्स अथवा डेस्टिनेशन से भी अनभिज्ञ होते है, वास्तव में कोई हब केवल आने वाले पैकेटो को प्राप्त करता है, आवश्यक होने पर विधुत सिग्नलों की तीब्रता बड़ा देता है। और उन पैकेटो को नेटवर्क के सभी साधनो को प्रसारित(Broadcast) कर देता है, जिनमे प्रेषित करने वाला साधन भी शामिल होता है।
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हब के प्रकार :-
तकनीकी तौर से हब तीन प्रकार के होते है।
1. पैसिव हब(Passive Hub) :-
पैसिव हब सबसे साधारण हब होते है, इनके लिए किसी विधुत सोर्स की आवश्यकता नहीं होती है, क्योकि ये किसी सिग्नल को फिर से उत्पन्न नहीं करते है, इसलिए पैसिव हब केवल केबल की लम्बाई अधिक से अधिक करने के लिए उपयोग किये जाते है। आजकल नेटवर्को में ऐसे हब का कार्य पूरी तरह समाप्त हो गया है, पैसिव हबो को कभी-कभी कॉन्सेंट्रेटर भी कहा जाता है।
2. एक्टिव हब(Active Hub) :-
एक्टिव हब आवश्यक होने पर रिपीटर की तरह सिग्नल को फिर से उत्पन्न करते है, इसलिए इनके लिए विधुत कनेक्शन की भी आवश्यकता होती है, अन्य सभी चीजों के लिए यह पैसिव हब के ही जैसा है। एक्टिव हबो को कभी-कभी मल्टीपोर्ट रिपीटर भी कहा जाता है।
3. इंटेलीजेंट हब(Intelligent Hub) :-
इंटेलीजेंट हब में एक्टिव हब से बहुत ज्यादा विशेषताए होती है, ये कॉलिजन डिटेक्शन में भाग लेते है, और इस प्रकार नेटवर्क को सुचारु रूप से चलाने में सहायता करते है। ये सिंपल नेटवर्क मैनेजमेंट प्रोटोकॉल(Simple Network Management Protocal (SNMP) ) का उपयोग करते है, और आभासी लेन(Virtual LAN) बनाने में भी भाग लेते है। आजकल पाए जाने वाले अधिकांश हब इंटेलीजेंट हब ही होते है, वैसे हबो का उपयोग अब कम हो गया है, क्योकि लगभग उनके बराबर मूल्य पर स्विच(Switch) नामक उपकरण प्राप्त हो जाते है, जो हब से अधिक उपयोगी होते है।
हब कैसे काम करता है :-
एक हब बहुत सारे सिस्टम से स्टार टोपोलॉजी डायग्राम में कनेक्ट रहता है, और जब भी एक सिस्टम किसी दूसरे सिस्टम से कम्युनिकेशन करना चाहेगा, तो वह सबसे पहले सेन्ड करने वाले सिस्टम से पैकेट हब के पास जायेगा। फिर हब सभी सिस्टम को वह पैकेट भेजेगा, और फिर जिस सिस्टम का IP Address मैच करेगा, यानि जिस सिस्टम को उस पैकेट की जरुरत है, वह उस पैकेट को एक्सेप्ट कर लेता है, और बाकि के सिस्टम उस पैकेट को छोड़ देते है, ताकि ट्रैफिक में कोई परेशानी न आये।
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