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Wednesday, 7 February 2018

History of Computer in Hindi

History of Computer in Hindi :-

                                                                                  हेलो दोस्तों मै गौरव पाठक एकबार फिर से Hindi Jankari में आप सभी लोगो का स्वागत करता हूँ। आज के लेख में हम कंप्यूटर के इतिहास के बारे में बताने जा रहा हूँ।  

 कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी भाषा के कंप्यूट शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है गणना करना अतः कंप्यूटर का अविष्कार गणितीय गणनाओ के उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया गया है। सबसे पहले कंप्यूटर का अविष्कार 600 ईसा पूर्व गिनतारे का विकास मेसोपोटामिया में हुआ। इसी प्रकार कैलकुलेटर का अविष्कार 17वीं शताब्दी में शुरुआत में डानन नेपियर ने किया था। जिसका प्रयोग गणितीय गणनाओ हेतु किया गया था,इसके बाद 1671 में ब्रान गोट फ्राइड में गणना करने वाले कैलकुलेटर का अविष्कार किया। 1942 में वेब्ज पास्कल ने यांत्रिक कैलकुलेटर बनाया जिसे पास्कलिंग कहा गया, यह कलकुलेटर सिर्फ 6 व्यक्तियों के बराबर गणना कर सकता था। 


                                                                       
     


कंप्यूटर का इतिहास :-
                                     सन 1822 में चार्ल्स बेबेज सबसे पहले डिजिटल कंप्यूटर बनाया, पास्कलिंग से प्रेरणा लेकर डिफ्रेंशियल और एनालिटिकल इंजन का अविष्कार किया। उन्होंने 1937 में स्वचालित कंप्यूटर की परिकल्पना की जिसमे कृत्रिम स्मृति तथा प्रोग्राम के अनुरूप गणना करने की क्षमता हो,किन्तु हथर्न होलेरीथ ने भी पूरा किया। पंचकार्ड की मदद से सारा कार्य खुद ही करने इलेक्ट्रॉनिक टेबुलेशन मशीन का निर्माण किया गया, मतलब प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब्स  का प्रयोग किया गया।

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कंप्यूटर का इतिहास पीढ़ी के अनुसार :-
                                                               कंप्यूटर तकनीकी विकास के द्वारा जो कंप्यूटर की कार्यशैली तथा क्षमताओ में विकास हुआ, इसके फलस्वरूप कंप्यूटर विभ्भिन पीढ़ियों तथा विभ्भिन प्रकार के कंप्यूटर की क्षमताओ का निर्माण हुआ। कार्य क्षमता के इस विकास को 1964 में कंप्यूटर जनरेशन कहा जाने लगा। 

प्रथम पीढ़ी (1940 - 1956) :-
                                           इलेक्ट्रॉनिक सिगनल को निंयत्रण और प्रसारित करने हेतु इस पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब्स का प्रयोग किया गया। इससे भरी भरकम कंप्यूटर का निर्माण हुआ, किन्तु सबसे पहले उन्ही के द्वारा कंप्यूटर की परिकल्पना साकार हुई। ये ट्यूब्स के आकार में बड़े तथा ज्यादा गर्मी उत्पन्न करते थे तथा उनमे टूट-फुट तथा ज्यादा खराबी होने की सम्भावना रहती थी, और इसकी गणना करने की क्षमता भी काफी कम थी। और इस पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा स्थान घेरते थे। 


                                                                             


द्वितीय पीढ़ी (1956 - 1963) :-
                                             इस पीढ़ी में ट्रॉजिस्टर का अविष्कार हुआ, इस दौरान के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया जाने लगा था। जो वाल्व्स की अपेक्षा अधिक सस्ते होते थे। जिन्हे कंप्यूटर निर्माण हेतु वैक्यूम ट्यूब्स के स्थान पर प्रयोग किया जाने लगा, ट्रांजिस्टर का आकार वैक्यूम ट्यूब्स की अपेक्षा छोटा होता है। जिससे कंप्यूटर का आकार काफी छोटा और कार्य करने की गति में वृद्वि हुयी। पहली पीढ़ी की तुलना में इस पीढ़ी के कंप्यूटर छोटा तथा कम ऊष्मा उत्पन्न करने वाले और कार्य करने की गति तीव्र हो गयी।  


                                                                         

तृतीय पीढ़ी (1964 - 1971) :-
                                           इस अवधि के कंप्यूटर का एक साथ प्रयोग किया जा सकता था। यह समकालित चिप विकास की तीसरी पीढ़ी का महत्वपूर्ण आधार बनी, कंप्यूटर के आकार को और छोटा करने हेतु तकनीकी प्रयास किये जाते रहे जिसके परिणाम स्वरूप सिलिकॉन चिप पर इंट्रीग्रेटेड सर्किट निर्माण होने से कंप्यूटर में इसका उपयोग किया जाने लगा। जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर अब तक के सबसे छोटे आकार का उत्पादन करना सम्भव हो सका इसकी गति माइक्रो सेकंड से नैनो सेकंड तक थी। जो स्माल स्केल इंट्रीग्रेटेड सर्किट के द्वारा सम्भव हो सका। 


                                                                       

चतुर्थ पीढ़ी (1971 - 9181) :-
                                           चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया गया। VSLI की प्राप्ति से एकल चिप हजारो ट्राजिस्टर लगाए जा सकते थे। इस पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार लैपटॉप की तरह हो गया, और यह काफी फ़ास्ट काम करता था। 

                                                                               


पंचमी पीढ़ी (1981 - अबतक) :-
                                                विकास की इस पांचवी अवस्था में कंप्यूटर में कृत्रिम  बुध्दि का निवेश किया गया है। इस तरह के कंप्यूटर अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुए है। इस तरह के कंप्यूटर को इस हम रोबोट और विविध प्रकार के ध्वनि कार्यकर्मो में देख सकते है, ये मानव से भी ज्यादा सक्षम होगा। 


                                                                       


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