What is Browser in Hindi :-
हेलो दोस्तों मै गौरव पाठक एकबार फिर से Hindi Jankari में आप सभी लोगो का स्वागत करता हूँ। आज के लेख में आप सभी लोगो को वेब ब्राउज़र के बारे में बताने जा रहा हूँ।
वेब ब्राउज़र का इतिहास :-
ब्राउज़र कंप्यूटर या फ़ोन में तब से मौजूद है,जबसे इटरनेट का अविष्कार हुआ। सबसे पहले ब्राउज़र का नाम वर्ल्ड वाइड वेब रखा गया, जिसे Tim Berners -Lee ने सन 1990 में बनाया था। उसके बाद धीरे-धीरे कई सारे बड़े-बड़े वेब ब्राउज़र बनाये गए, जिसमे बुकमार्किंग,हिस्ट्री,ऑडियो,वीडियो,सपोर्ट इत्यादि जैसे फीचर डाले गए। आज कल बहुत सारे ब्राउज़र के बीच एक कम्पटीशन सी शुरू हो गयी है, की कौन सा ब्राउज़र सबसे ज्यादा बेहतर है। जो पूरी दुनिया में अपनी उपस्थित को बढ़ाना चाहता है। 1990 की दशक में इंटरनेट एक्स्प्लोरर सबसे ज्यादा मशहूर वेब ब्राउज़र हुआ करता था, जिसने अपने विरोधी 'नेटस्केप' वेब ब्राउज़र को पूरी तरह से पीछे कर दिया था। नई सदी के कुछ नए ब्राउज़र जैसे-mozilla firefox, chrome, safari,opera mini etc. ने लोगो के डिवाइस में अपनी जगह बनाना शुरू किया,इस सभी ब्राउज़र में छोटे-छोटे अंतर है। लेकिन इन सभी का काम इंटरनेट सुफ्फ़रिंग करना ही है। अगर आप चाहे तो अपने कंप्यूटर या फ़ोन पर एक से ज्यादा ब्राउज़र का इस्तेमाल कर सकते है।
वेब ब्राउज़र क्या है :-
इंटरनेट ब्राउज़र का इस्तेमाल सभी इंटरनेट यूजर करते है,इसके जरिये ही हम कुछ भी सर्च करके ज्ञान प्राप्त करते है। वेब ब्राउज़र का इस्तेमाल हम अपने स्मार्टफोन्स,लैपटॉप,कम्प्यूटर्स पर कही भी और कभी भी कर सकते है। यह एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है, जिसका अविष्कार इंटरनेट के साथ ही हुआ था, वेब ब्राउज़र के शब्दो से ही इसके बारे में हम जान सकते है। कि वेब ब्राउज़र का मतलब क्या होता है, इंटरनेट और ब्राउज़र का मतलब होता है, ढूढ़ना, तो इस शब्द का पूरा मतलब है की इंटरनेट की दुनिया में जाकर किसी विषय के बारे में ढूढ़ना दुनिया के किसी भी कोने में रह रहे लोगो को हर चीज के बारे में ज्ञान मिले इसलिए ही वेब ब्राउज़र को बनाया गया।
वेब ब्राउज़र एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होता है,जो किसी डिवाइस में इनस्टॉल होकर रहता है। और जब वह डिवाइस इंटरनेट से जुड़ता है,तब यह वेब ब्राउज़र काम करना शुरू करता है। इंटरनेट और वेब ब्राउज़र एक दूसरे से जुड़े हुए है,बिना इंटरनेट के ना हम वेब ब्राउज़र का इस्तेमाल कर सकते है और ना ही वेब ब्राउज़र के बिना इंटरनेट हमारे किसी काम आ सकता है। इंटरनेट की दुनिया में वेब ब्राउज़र यूजर के लिए दरवाजे की तरह काम करता है। जो हमे इंटरनेट की दुनिया में ले जाता है, वेब ब्राउज़र की मदद से ही हम इंटरनेट पर उपलब्ध बहुत सारे वेब पेज देख सकते है। और यह उनके फाइल और उनके दूसरे कंटेंट्स जैसे-वीडियो,ऑडियो, इमेज और टेक्स्ट का अनुवाद करता है। और हमारे डिवाइस के स्क्रीन पर दिखाता है, हमें सिर्फ वेब ब्राउज़र के एड्रेस बार पर उस वेबपेज का URL डालना है। जहाँ से हमें जानकारी प्राप्त करनी है,उसके बाद ब्राउज़र उस वेब पेज को हमारे स्क्रीन पर दिखा देता है। वेब ब्राउज़र हमें वर्ल्ड वाइड वेब की दुनिया में पहुँचाता है,जहाँ सभी कंटेंट्स कंप्यूटर की भाषा में होती है, जिसे हम HTML कहते है। वेब ब्राउज़र कंप्यूटर की इस भाषा को ट्रांसलेट करता है,ताकि इंटरनेट यूजर आसानी से कंटेंट्स को पढ़ सके, कुछ ब्राउज़र सिर्फ टेक्स्ट को ट्रांसलेट कर पाते है। और कुछ ब्राउज़र ग्राफ़िक्स और एनीमेशन को सपोर्ट करते है और उन्हें ट्रांसलेट करते है।
वेब होस्टिंग क्या है,जानने के लिए क्लिक करे।
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वेब ब्राउज़र कैसे काम करता है :-
वर्ल्ड वाइड वेब इंटरनेट सर्विसेज का एक प्रणाली है, जो फॉर्मटेड डॉक्यूमेंट का सपोर्ट करता है। वेब ब्राउज़र के इस्तेमाल से हम वर्ल्ड वाइड वेब को आसानी से एक्सेस कर पाते है, वेब ब्राउज़र की मदद से हम बहुत सारे वेब पेज को देख सकते है। जो वेब प्रोटोकॉल से बने होते है,प्रोटोकॉल का मतलब रूल्स होता है। जैसे-इंग्लिश में ग्रामर के रूल होते है, उसी तरह वेब ब्राउज़र को भी हमारी बात समझने के लिए एक भाषा की जरुरत होती है। उस भाषा के भी कुछ रूल होते है, जिसको हम HTTP(Hyper Text Transfer Protocol) कहते है, http वेब सर्विसेज को बताता है, कि कैसे वेब कंटेंट्स को फॉर्मेट और ट्रांसमिट करना है। और यूजर के द्वारा दिए गए कमांड की प्रतिक्रिया करने के लिए वेब ब्राउज़र और वेब सर्विसेज दोनों को क्या करना है।
http की मदद से वेब क्लाइंट और वेब सर्विसेज को एक दूसरे से जुड़ने की अनुमति मिलती है, जब यूजर ब्राउज़र के एड्रेस बार पर एक वेब एड्रेस डालता है। तब ब्राउज़र उसकी रिक्वेस्ट को को http कमांड के रूप में वेब सर्वर को भेजता है,उसके बाद वेब सर्वर के साथ जुड़ जाता है, और वहाँ से रिक्वेस्ट वेब पेज को निकाल कर यूजर के ब्राउज़र से सारी जानकारी दिखा देता है। इंटरनेट पर मौजूद जितने भी वेब सर्विसेज है,जो वेबसाइट और वेब पेज को रखते है,वे सभी सर्विसेज http प्रोटोकॉल को सपोर्ट करती है। तभी जाकर ब्राउज़र उनसे जुड़कर सारी जानकारी यूजर को आसानी से दे पाता है।
हेलो दोस्तों मेरा लिखा हुआ लेख पढ़ने के लिए आप सभी लोगो का बहुत-बहुत धन्यवाद, अगर आप सभी लोगो को मेरा लिखा हुआ लेख समझ में आया हो तो प्लीज कमेंट बॉक्स में कमेंट करे।
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